सनातन धर्म में विश्वकर्मा जयंती का खास महत्व होता है, जो हर साल कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) के दिन मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) को शिल्प का देवता कहा जाता है, जो पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं. कहते हैं कि इन्होंने ही स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान, द्वारका नगरी, यमनपूरी, कुबेरपुरी आदि चीजों का निर्माण किया हैं. ऐसे में हर साल विश्वकर्मा जयंती के मौके पर औजार, निर्माण कार्य, मशीन, दुकान, कारखाने, मोटर, गैरेज, वर्कशॉप, फैक्ट्री में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाती है. इस साल विश्वकर्मा जयंती कब है और पूजा विधि (Vishwakarma jayanti Puja vidhi) क्या है, आइए आर्टिकल में जानते हैं…
विश्वकर्मा जयंती 2024 कब है – When is Vishwakarma Jayanti 2024
विश्वकर्मा जयंती हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो इस बार 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. यह 16 सितंबर को रात 7:53 पर शुरू होगी और इसका समापन 17 सितंबर को होगा, इसका ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:33 पर रहेगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, जो सुबह 11:51 से 12:40 तक रहेगा. इस दिन रवि योग भी बन रहा है, जो शाम 17 सितंबर को शाम 4:33 से 6:07 तक रहेगा. इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त 6:25 से लेकर 6:48 तक, अमृत काल मुहूर्त 7:08 से लेकर 8:35 तक रहेगा.
विश्वकर्मा जयंती पूजा विधि – Vishwakarma Jayanti Puja Vidhi
विश्वकर्मा जयंती के दिन पूजा करने के लिए आप अपने कामकाज में उपयोग होने वाली चीजों की सबसे पहले साफ सफाई करें. कंप्यूटर, मशीनरी, पेन, कॉपी, कागज आदि चीजों को अच्छी तरह से साफ करें. इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के साथ ही विश्वकर्मा जी की प्रतिमा स्थापित करें. अगर आपके पास उनकी कोई तस्वीर है, तो इसकी विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऋतु फल, मिष्ठान, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं. धूप दीप आदि जलाकर देवताओं की आरती उतारें और अपने कार्य क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों का तिलक कर उनकी पूजा करें और भगवान विश्वकर्मा से आराधना करें कि हमारा काम इसी तरह से उन्नति करता रहे और आगे बढ़ता रहे.